वेद-पुराणों एवं महापुरुषों के अनुसार प्राचीन काल से ही शिक्षा ही एकमात्र साधन है जिससे संसार में किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। नगरा एवं आस पास के ग्रामीण क्षेत्र को शहरी क्षेत्रों की शिक्षा एवं आधुनिकता के समानांतर प्रतिस्थापित करना ही हमारी संस्था का उद्देश्य रहा है।
हमारी संस्था के उदय का प्रारम्भ होता है वर्ष 1991 से । उस समय जब बलिया जनपद के सबसे बड़े विकास खण्ड नगरा की ग्राम सभा नगरा व आस पास के क्षेत्र में प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा ग्रहण करने का एकमात्र श्रोत गिने चुने कुछ सरकारी प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूल हुआ करते थे।
हमारी संस्था भारतीय महापुरुषों के जीवन मूल्यों एवं आदर्शों से प्रेरित शैक्षणिक पद्धति से छात्र-छात्राओं में देशभक्ति की भावना जागृत करने का प्रयास करती है जिससे वे अपने उत्तम एवं बौद्धिक चरित्र का निर्माण कर सकें तथा देश को समृद्ध व शक्तिशाली बना सकें।
Jananayak Chandrashekhar University Ballia Uttar Pradesh, VBS Purvanchal University Jaunpur Uttar Pradesh, Board of Technical Education Uttar Pradesh, Board of Ayurvedic & Unani Tibbi System of Medicine Uttar Pradesh, NCVT New Delhi
संस्था का परिचय
हमारी संस्था के उदय का प्रारम्भ होता है वर्ष 1991 से । उस समय जब बलिया जनपद के सबसे बड़े विकास खण्ड नगरा की ग्राम सभा नगरा व आस पास के क्षेत्र में प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा ग्रहण करने का एकमात्र श्रोत गिने चुने कुछ सरकारी प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूल हुआ करते थे ।विद्यालयों की कमी के कारण नगरा क्षेत्र के प्रतिभाशाली व होनहार बच्चों को पढ़ने के लिए सुदूर रसड़ा व बेल्थरारोड के प्रतिष्ठित विद्यालयों में जाना पड़ता था एवं अनेकों कठिनाइयों व विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता था । इन्ही कठिनाइयों को देखते हुए हमारी संस्था के संस्थापक श्री इश्तेयाक़ अहमद ने अपने पिताश्री मु० शहबान जी (भूतपूर्व सैनिक, भारतीय सेना) एवं नगरा क्षेत्र के प्रबुद्ध नागरिकों के सामने एक शिक्षण संस्था की नींव रखने का विचार रखा जिसे नगरा क्षेत्र के सभी नागरिकों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ जिसके फलस्वरूप प्रथम जुलाई वर्ष 1991 में माडर्न सैनिक पब्लिक स्कूल के नाम से नगरा क्षेत्र के प्रथम कॉन्वेंट स्कूल की स्थापना हुई ।
वेद-पुराणों एवं महापुरुषों के अनुसार प्राचीन काल से ही शिक्षा ही एकमात्र साधन है जिससे संसार में किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। नगरा एवं आस पास के ग्रामीण क्षेत्र को शहरी क्षेत्रों की शिक्षा एवं आधुनिकता के समानांतर प्रतिस्थापित करना ही हमारी संस्था का उद्देश्य रहा है। वर्तमान युग में संस्था देश के प्राचीन एवं अखंड सांस्कृतिक शिक्षा से छात्र-छात्राओं में बौद्धिकता तथा आधुनिक एवं तकनीकी शिक्षा से रचनात्मकता का सम्यक् एवं सम्पूर्ण विकास करने का प्रयास कर रही है जिसके फलस्वरूप ग्रामीण अंचल की प्रतिभाओं को उचित मंच प्राप्त हो रहा है। साथ ही हमारी संस्था भारतीय महापुरुषों के जीवन मूल्यों एवं आदर्शों से प्रेरित शैक्षणिक पद्धति से छात्र-छात्राओं में देशभक्ति की भावना जागृत करने का प्रयास करती है जिससे वे अपने उत्तम एवं बौद्धिक चरित्र का निर्माण कर सकें तथा देश को समृद्ध व शक्तिशाली बना सकें।